Flight 914 Story in Hindi – फ्लाइट 914 का क्या हुआ था?

आज हम बात करने बाले हैं Flight 914 Story in Hindi के बारे में। क्या आपने कभी सोचा है कि एक विमान अचानक गायब हो सकता है और 37 साल बाद वापस लौट सकता है, यात्रियों के बिना किसी बदलाव के? ऐसी ही एक अविश्वसनीय घटना 1955 में हुई थी जब फ्लाइट 914, 57 यात्रियों के साथ गायब हो गया और 1992 में अचानक वापस आ गया!

इस रहस्यमयी फ्लाइट 914 की कहानी ने हवाई यातायात के इतिहास में सवाल खड़े कर दिए। इस कहानी में शामिल है एक भ्रमित विमान चालक, हैरान कंट्रोल रूम कर्मचारी और कई दशक बाद भी सुरक्षित पाए गए यात्री।

आगे पढ़िए और जानिए कि आख़िर फ्लाइट 914 का क्या हुआ था? क्या यह वास्तव में समय यात्रा का मामला था? या कुछ और ही रहस्य छिपा है इस अजीबो-गरीब कहानी के पीछे। यहाँ से आप टेरेसा फिदाल्गो की कहानी पढ़ सकते है।

शीर्षकफ्लाइट 914 की कहानी
मूलरहस्यमयी घटना
पहली बार सूचितलगभग 1955
स्थानअमेरिका (न्यूयार्क) से मायामी
मुख्य पात्रफ्लाइट 914, 57 यात्री, 6 क्रू मेंबर्स

Flight 914 Real Story in Hindi – फ्लाइट 914 का रहस्य

आज में आपको एक ऐसे जहाज के बारे में बताउंगी जो अपनी उड़ान भरने के बाद कुछ ही देर में गायब हो गया था। और कई सालों तक उस जहाज का कुछ भी नहीं पता चला। लेकिन एक दिन वह हवाई जहाज किसी एक हवाई अड्डे पर उतरता है। और लोगों के लिए अलग-अलग प्रकार के सवाल खड़े कर देता है। कि यह जहाज इतने सालों तक कहां था और उन यात्रियों का क्या हुआ जो इस जहाज में बैठे थे।

Flight 914 Story in Hindi

वैसे तो यह हवाई जहाजों के गायब होने की पहली घटना नहीं थी। इससे पहले भी कई बार बरमूडा ट्राएंगल के पास कई हवाई जहाज गायब हो चुके हैं। लेकिन यहाँ आपको एक ऐसे ऐतिहासिक हवाई जहाज के बारे में बताएंगे जो 37 साल तक गायब रहा। लेकिन एक दिन वह जहाज वेनजुला के एयरपोर्ट पर उतरता है।

यह घटना 21 मई 1992 की है जब एक फ्लाइट 914 हवाई जहाज जो वेनजुला के हवाई अड्डे पर लैंड करता है। दोस्तों, लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि इस हवाई जहाज ने 22 जुलाई 1955 में 57 यात्री और चार क्रू मेंबर के साथ न्यू यॉर्क से मयामी के लिए उड़ान भरी थी। लेकिन यह हवाई जहाज कभी मयामी पहुंचा ही नहीं और यह रास्ते में ही कहीं गायब हो गया था।

इस घटना के मुख्य सबूत फ्लाइट 914 जहाज के पायलट और कंट्रोल टावर के बीच हुई बातचीत है। और इस घटना का दूसरा सबूत 1955 का एक छोटा सा कैलेंडर है। जो जहाज को दोबारा उड़ान भरने के पहले ही जहाज के पायलट ने रनवे पर वह कैलेंडर छोड़ दिया था।

कंट्रोल टावर के कर्मचारियों का यह कहना था कि उन्होंने इस घटना को अपनी आंखों से देखा था। उन कर्मचारियों का यह भी कहना था कि यह हवाई जहाज बहुत ही पुराने मॉडल का लग रहा था, जो बहुत ही अजीब सा लग रहा था। जो रडार की स्क्रीन पर भी नहीं दिखा।

और साथ में, जहाज के रनवे पर उतरने से पहले कर्मचारी और जहाज के पायलट के बीच बातचीत भी हुई थी। जब कंट्रोल रूम के कर्मचारियों ने जहाज के पायलट से उसका नाम पूछा था, वह बहुत ही घबराया हुआ लग रहा था। और वह पूछ रहा था कि हम कहां पर है। आखिर में पायलट ने बताया कि यह जहाज फ्लाइट 914 है, जिसके अंदर 57 यात्री सवार हैं। और यह हवाई जहाज न्यू यॉर्क से मयामी के लिए निकली है।

पायलट की इस बात को सुनने के बाद कंट्रोल रूम के कर्मचारी बहुत ही घबरा गए थे। क्योंकि फ्लाइट 914 मयामी से 1800 किलोमीटर दूर था। फिर कर्मचारियों ने पायलट से कहा कि आप जिस जगह की बात कर रहे हैं वह यहां से 1800 किलोमीटर दूर है। यह तो वेनजुला है। आप गलत जगह पर पहुंच गए हैं। जहाज के पायलट की तरफ से कोई भी जवाब नहीं मिलने पर भी कंट्रोल रूम के कर्मचारियों ने जहाज को रनवे पर उतरने की अनुमति दे दी थी। फिर जहाज सफलतापूर्वक रनवे पर उतर गया। जैसे ही कर्मचारियों को लगा की अब स्थित कंट्रोल में है। तब उन्होंने जहाज के पायलट की आवाज सुनी जो अपने साथी पायलट से कह रहा था, “देखो यह अजीब सी चीज क्या है।

जैसे कि उन्हें एयरपोर्ट पर खड़े जेट प्लेन को देखकर हैरानी हुई हो। कंट्रोल रूम के कर्मचारी डॉक्टर डेला कोर्ट के अनुसार हवाई जहाज के पायलट ने बताया कि यह जहाज 1955 में मयामी के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सुबह 9:55 पर लैंड हना था। तभी उन्होंने फ्लाइट 914 के पायलट को बताया कि यह है वेनजुला का हवाई एयरपोर्ट है। और आज 21 मई 1992 हैं। फिर उस हवाई जहाज का पायलट डॉक्टर डेला कोर्ट की यह बात सुनकर बहुत ही परेशान हो गया था। फिर डॉक्टर डेला कोर्ट ने उस हवाई जहाज के पायलट का हौसला बढ़ाने की कोशिश की। और उनकी सहायता करने के लिए फ्लाइट 914 के पास ग्राउंड स्टाफ को भेजो।

फ्लाइट 914 में बैठे यात्रियों को देखकर यह लग रहा था कि उन्हें तो किसी भी बात का आभास ही नहीं था। उन्हें तो यह लग रहा था कि वे अभी मयामी के एयरपोर्ट पर है। फिर जैसे ही ग्राउंड स्टाफ हवाई जहाज के पास आने लगा, तो उस हवाई जहाज का पायलट कहने लगा, “नहीं हमारे पास मत आओ, हम यहां से जा रहे हैं।

उस एयरपोर्ट के ग्राउंड स्टाफ ने बताया कि उस हवाई जहाज में बैठे यात्रियों को यह देखकर लग रहा था कि वे बहुत ही परेशान थे। जैसे उन्हें समझ ही नहीं रहा आ रहा था कि उनके साथ यह क्या हो रहा है। हवाई जहाज का पायलट दूर से ही हाथ हिलाकर इशारा कर रहा था कि दूर हो जाओ, हवाई जहाज के पास मत आना।

डॉक्टर डेला कोड के अनुसार उस पायलट के हाथ में एक फाइल थी। जिसे वह हिलाकर इशारा कर रहा था कि इस हवाई जहाज के पास मत आना, यहां से चले जाओ। शायद इसी वक्त उस फाइल में एक छोटा सा कैलेंडर था। जब पायलट उस फाइल को हिलाकर इशारा कर रहा था, की हवाई जहाज के पास मत आना, तभी वह कैलेंडर उस फाइल से निकलकर नीचे गिर गया था। और फिर वह उन्हें मिल गया था।

फ्लाइट 914 हवाई जहाज के पायलट ने अफरा तफरी में उस जहाज का इंजन स्टार्ट किया और वहां से उस जहाज को लेकर उड़ गया। बाद में रेडियो द्वारा रिकॉर्ड की गई वार्तालाप और उस छोटे से कैलेंडर को सरकार द्वारा जब्त कर लिया गया था।

इस घटना का रहस्य अभी तक किसी को पता नहीं चला है। जानकारों का यह मानना है कि यह या तो अलौकिक घटना थी, या फिर जहाज टाइम ट्रेवल करता हुआ 1955 से 1992 में आ गया था। यह बहुत ही परेशान कर देने वाली घटना थी।

परेशानी की बात यह नहीं थी कि यह जहाज 37 सालों तक गायब रहा था, परेशानी की बात तो यह थी कि फ्लाइट 914 जहाज में बैठे हुए यात्री जिस अवस्था में गायब हुए थे, उसी अवस्था में वापस मिल गए थे। यानी कि टाइम ट्रैवल का इनके ऊपर कोई भी असर नहीं हुआ।

914 में क्या हुआ था?

914 में विमान ‘फ्लाइट 914’ ने अमेरिका के न्यूयॉर्क से मयामी के लिए उड़ान भरी थी, जो आसमान में ही लापता हो गया था।

35 साल बाद कौन सा विमान उतरा?

35 साल बाद 914 विमान उतरा।

कौन सा विमान गायब हो गया था?

914 विमान गायब हो गया था।

सारांश

Flight 914 Story in Hindi वास्तव में बहुत ही रहस्यमय और अजीबोगरीब है। एक विमान और उसके सभी यात्री कई दशकों तक लापता रहना और फिर एक दिन अचानक से किसी दूसरे हवाई अड्डे पर उतर जाना सामान्य बात नहीं है। ऐसे ही ट्रेन नंबर 653 की दर्दनाक कहानी भी है।

इस फ्लाइट 914 की घाटना से एक सवाल ज़रूर खड़ा होता है: आखिर फ्लाइट 914 के साथ वाकई क्या हुआ था? क्या यह वास्तव में कोई अलौकिक घटना या समय यात्रा का मामला था?

या फिर कोई और ही रहस्य छिपा हुआ है जिसका पर्दाफाश अभी तक नहीं हो पाया है? शायद हम कभी भी इस घटना के पूरे सच को ना जान पाएँ, लेकिन यह प्रश्न हमारे दिमागों को हमेशा उलझाए रखेगा!

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